धमाका न्यूज 💥सिकलसेल प्रबंधन के लिए जिला अस्पताल में सुव्यवस्थित यूनिट का शुभारंभ, मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री द्वारा किया गया वर्चुअल शुभारंभ

कवर्धा। सिकलसेल मरीजों व उनके परिजनों की तकलीफों को संवेनशीलता से समझते हुए छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा राज्य के अनेक जिला अस्पतालों में सिकल सेल प्रबंधन केंद्र की शुरुआत की गई है। इस पहल का सीधा लाभ सिकलसेल से पीड़ितों को मिलेगा, क्योंकि उक्त प्रबंधन केंद्र में रक्त जांच, परामर्श व उपचार व रिपोर्टिंग की सम्पूर्ण सेवा मुहैया कराई जाएगी।
उल्लेखनीय है कि उक्त प्रबंधन केंद्रों का गत 30 अक्टूबर को माननीय मुख्य मंत्री भूपेश बघेल व स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव द्वारा वर्चुअल शुभारंभ किया गया। कबीरधाम में इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सुशीला भट्ट, जिला कलेक्टर जनमेजय महोबे, प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पुरुषोत्तम राजपूत,डॉ सलिल मिश्रा, जीवन दीप समिति के सदस्य गण राजेश माखीजनी, गणेश नाथ योगी, आनन्द मिश्रा, कैबिनेट मंत्री के निज सहायक कीर्तन शुक्ला, जिला कार्यक्रम प्रबंधक सृष्टि शर्मा, अस्पताल प्रबंधक रीना सलूजा समेत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे।
*क्यों जरूरी है सिकलसेल जांच व क्या हैं लक्षण*
सिकलसेल प्रबंधन कार्यक्रम के जिला नोडल डॉ सलिल मिश्रा ने बताया कि सिकलसेल के लक्षण में जॉन्डिस या पीलिया,
आंखों का पीलापन जो लाल रक्त कोशिकाओं के क्षतिग्रस्त होने के कारण होता है,
एनीमिया की वजह से ज्यादा थकान महसूस होना,
डैक्टलाइटिस जिसमें हाथ और पैर में सूजन हो जाती है और फिर दर्द भी होने लगता है,
चक्कर आना या सिर घूमना सांस लेने में मुश्किल महसूस होना, के चिड़चिड़ापन महसूस होना,
किसी चीज पर ध्यान लगाने में दिक्कत आना आदि शामिल हैं। उन्होंने बताया कि यह एक अनुवांशिक बीमारी है इसलिए संतान के जन्म के बाद इसकी जांच जरूर करवाना चाहिए। डॉ मिश्रा ने बताया कि जितनी जल्दी किसी बीमारी के सम्बंध में जानकारी हो और उसका समुचित प्रबंधन शुरू हो उतना ही बेहतर होता है, सिकलसेल पीड़ितों के परिजनों को तत्काल अपना रक्त जांच करवा लेना चाहिए।
सिकलसेल पीड़ित विवाह पूर्व इन बातों का रखें खास खयाल
सिकलसेल पीड़ितों को चाहे वह रोगी हो अथवा वाहक कुछ खास बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए। जैसे विवाह पूर्व होने जीवन साथी के सिकलसेल स्टेटस की जानकारी अवश्य लें, क्योंकि स्वयं के सेहत के साथ आने वाली संतान पर भी इस बात सीधा असर पड़ता है। सबसे उचित यह है कि ऐसे लोगों को अपने नजदीकी जिला अस्पताल के प्रबंधन केंद्र में इस सम्बंध में समुचित परामर्श लें। इससे सही जानकारी व समुचित मार्गदर्शन मिल जाएगा।
जिला कलेक्टर जनमेजय महोबे ने लिया प्रबंधन केंद्र का जायजा
जिला कलेक्टर जनमेजय महोबे ने जिला अस्पताल स्थित सिकलसेल प्रबंधन केंद्र का जायजा लिया। उन्होंने स्टाफ से कार्यों के सम्बंध में सम्पूर्ण जानकारी ली व इस सम्बंध में जनजागरूकता कार्यक्रम बढाने के निर्देश दिए। उन्होंने सामाजिक-धार्मिक संगठनों, ग्रामीण जनों के बीच जाकर बैठकों व अन्य माध्यमों से सिकलसेल के सम्बंध में जानकारी बढाने के लिए निर्देशित किया। श्री महोबे ने जिले में सिकलसेल जांच व पीड़ितों की जानकारी ली, इस सम्बंध उन्हें जानकारी दी गई कि पिछले छः माह में जिले में लगभग 9 हजार लोगों का सिकलसेल जांच किया गया है, जिसमें से लगभग 1120 लोगों में सिकलसेल पाया गया है। इनमें से सिकलसेल वाहकों को परामर्श दिया गया है व रोगियों का उपचार जारी है।