
कवर्धा। जनता की समस्याओं को सुनने वाला नगर पालिका यदि कान बंद कर ले तो आम लोग अपनी समस्याओं को कहाँ और किसे सुनाएंगे! इन दिनों पूरा शहर परेशान है मच्छरों के आतंक से, शाम होते ही बरसों से सफाई को तरसते शहर की नालियों और नाले से भारी मात्रा में मच्छर घरों में प्रवेश कर रहे हैं, मच्छरों के आतंक से बड़ी बीमारियों का खतरा मंडराने लगा है, नालियां साफ होने से रह गई है, नालियां स्लेब से ढंकी होने की वजह से नगर पालिका का खर्च बच गया है या यो कहे सलेब्स की वजह से कागजों पर ही काम निपटाए जा रहे हैं।
साल भर से सफाई न होने व नालियों में मच्छर मारने की दवाई का छिड़काव नहीं किया गया है ना ही कभी नालियों की सफाई की गई है। बड़ी-बड़ी बातें करने वाले लोग आज कुर्सी पर बैठने के पश्चात अपने सारे वादे और आश्वासन भूल गए हैं, शहरवासियों की बुनियादी और जरूरत की समस्याओं का वह समाधान नहीं कर पा रहे हैं।
दूसरी तरफ शहर की आवाजाही पूरी तरह चौपट हो चुकी है, सड़क के दोनों किनारे छोटे और मझोले दुकानदार बेपरवाह होकर अपने कारोबार चला रहे हैं, चौक चौराहा हो या तंग गलियों में भी अब छोटे-छोटे दुकान दार अपने दुकान चला रहे हैं जिससे आवाजाही में लोगों को काफी तकलीफ हो रही है साथ ही ट्रैफिक जाम की स्थिति बन जाती है, नगर पालिका का इस ओर कोई भी ध्यान नहीं है शायद नगर पालिका करोड़ों के कामों में व्यस्त है, चौक चौराहों में मस्त है, छोटे-मोटे कामों से उसे कोई लेना देना नहीं है। बहरहाल शहरवासी खुद को ठगे महसूस कर रहे हैं, वार्ड पार्षद की भूमिका भी अब पहले जैसी नहीं रही कारण बेचारे मजबूर हैं जिसकी वजह से वे भी अब निष्क्रिय लगने लगे हैं शहर वासियों को वार्ड पार्षदों से अपेक्षाएं थीं वह भी अब कम समय में ही खत्म हो चुकी है। बताते हैं कि वार्ड पार्षद भी अध्यक्ष और पालिका प्रशासन के सौतेले व्यवहार से बेहद दुखी हैं!!