धमाका न्यूज 💥आपात काल में मरीजों को रेफर के बजाय निजी चिकित्सकों से ली जा रही है सेवाएं, आमजनों को लाखों खर्च के बोझ से मिल रही राहत

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुजॉय मुखर्जी के प्रयासों से स्त्रीरोग, मानसिक रोग सीजेरियन प्रसव आदि के उपचार हेतु मिल रही मदद।
कवर्धा। जहां चाह होती है वहां राह भी निकल आती है कुछ ऐसा ही आजकल जिला अस्पताल में चरितार्थ हो रहा है। दरअसल शासकीय चिकित्सकों की बेहतर सेवाओं के बाद अब जिला अस्पताल में मरीजों की सेवाओं के लिए निजी चिकित्सकों की मदद भी ली जा रही है, जिससे मरीजों को त्वरित स्वास्थ्य सेवा आसानी से मुहैया कराई जा सके और चिकित्सकों को भी राहत पूर्वक कार्य करने का माहौल मिल सके। जिला अस्पताल की सेवाओं में अनवरत वृद्धि हुई है ,यहां बात औसत ओ पी डी की करें, आपातकालीन सेवाओं की करें या जटिल प्रसव प्रकरणों के सीजर की सबमें अनवरत व आशाजनक बढ़ोतरी हुई है। उद्देश्य सिर्फ एक ही है कि शासन की मंशानुरूप मरीजों को वृहद सेवा मिल सके व आपातकालीन स्थितियों में मरीजों को भटकना न पड़े बल्कि शासकीय चिकित्सालयों में ही आमजन को निःशुल्क व त्वरित उपचार की सेवाएं मिले।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुजॉय मुखर्जी ने बताया कि जिला अस्पताल में पिछले डेढ़ माह में निजी स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ अजित राडेकर ने 31 सीजेरियन, 1 हिस्ट्रोटोमी, 3 डी क्यू सी व 2 एम टी पी किया है। इसी प्रकार डॉ के पी जाँगड़े के द्वारा 36 एनेस्थीसिया, डॉ धर्मेंद्र कुमार द्वारा 10 एनेस्थीसिया, डॉ अर्चना कश्यप द्वारा 7 सीजेरियन ऑपरेशन द्वारा प्रसव कराया गया इसी प्रकार डॉ संगीता रानी जैन, डॉ रुना सिंह, डॉ योगिता चन्द्रवंशी द्वारा भी जिला अस्पताल में सेवाएं दी जा रही हैं। इसके अलावा पंडरिया व अन्य विकासखण्डों में भी इन चिकित्सकों से मदद ली जा रही है व जटिल प्रकरणों का ऑपरेशन अथवा जटिल प्रकरणों का सीजर किया जा रहा है।
साइकोलॉजिस्ट डॉ सृजिता मुखर्जी ने मानसिक पीड़ित लोगों का किया उपचार
बहरामपुर ओडिशा की एम.डी. (सायकायट्री ) डॉ सृजिता मुखर्जी द्वारा गत शनिवार को जिले के उन मानसिक पीड़ितों की काउंसलिंग व उपचार सम्बन्धी सेवाएं दी गई जिन्होंने आत्महत्या का प्रयास किया। उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य के बारे में बताते हुए कहा कि शारीरिक स्वास्थ्य की तरह सभी को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति भी जागरूक होने की अधिक आवश्यकता है। उन्होंने आत्महत्या जैसे मानसिक स्थितियों को लोगों को बाहर निकलने में मदद की अपील भी उनके करीबियों व समाज के लोगों से की है।
किसी भी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य का संबंध उसकी भावनात्मक(इमोशनल), मनोवैज्ञानिक (साइकोलॉजिकल) व सामाजिक(सोशल) स्थिति से जुड़ा होता है। मानसिक स्वास्थ्य से व्यक्ति के सोचने, समझने, महसूस करने व कार्य करने की क्षमता प्रभावित होती है। जिसके लिए एक उचित तनाव प्रबंधन की आवश्यकता होती है।