
उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा की अनुशंसा पर रायपुर-बिलासपुर रोड के चौड़ीकारण, मजबूतीकरण और नाली निर्माण के लिए 4 करोड़ की स्वीकृति मिली है, बरसों से यह बायपास सर्जरी के लायक हो चुका था, पुरे सड़क में गड्ढे ही गड्ढे थे डामर रोड का नामोनिशान तक नहीं था, भारी वाहनों से लेकर छोटी वाहनों को यमराज द्वार से गुजरने जैसा प्रतीत हो रहा था, ऊपर से धूल का गुबार ऐसे जैसे हेलीकाफ्टर से बारिश की जा रही हो, वाहन चलाना तो दूर पैदल चलना के लायक भी नहीं बचा था। बरसों से बायपास की खतरनाक अवस्था से वाहनों के अस्थि पंजर हिल जाया करते हैं, खास बात इसी मार्ग से स्कूलों की बसें आवाजाही करती है जिससे बच्चों को लेकर पालकों को भय बना रहता था। ऐसे में DCM की अनुशंसा और स्वीकृति प्रसन्नातासूचक परिलक्षित हो रहा है।
बहरहाल 4 करोड़ की स्वीकृति तो उप मुख्यमंत्री की अनुशंसा से हो गई अब बायपास का सुरतेहाल देखना होगा कि निर्माण एजेंसी कितनी ईमानदारी और गुणवत्ता से इस मार्ग का मजबूती से निर्माण करता है, खासकर रोड को लेकर जितने भी ठेकेदारों ने काम किया लगभग किसी ने भी मजबूती और गुणवत्ता को ध्यान नहीं दिया।
फलसफा एक और खास बात कि जब सड़क का चौड़ीकारण इस स्वीकृति में शामिलात है तो फिर सड़क विभाजन अर्थात आने और जाने के मध्य डिवाइडर का भी निर्माण हो, स्ट्रीट लाइट की सुगम व्यवस्था हो, पैदल वालों के लिए पाथवे तथा स्कूली बच्चों के लिए प्रतीक्षालय भी सुनिश्चित होनी चाहिए और एक बड़ी खास कि मिनीमाता चौक की तरह इधर भी चौक स्थापित करना होगा ताकि ट्रैफिक का दबाव न बने और आवाजाही सही दिशा में हो ताकि 4 करोड़ का भारी भरकम कार्य सुन्दर और हिफाजतपूर्ण दिखे।