धमाका न्यूज़✍️गोलोकवासी पं. अर्जुन शर्मा की पावन स्मृति में और श्रीबूढ़ामहादेवजी महाराज के दिव्य प्राँगण में अहर्निश चल रहे श्रीसीताराम संकीर्तन महायज्ञ के ३१ वर्ष पूर्ण होने पर श्रीभक्तमाल कथा का आयोजन २६ मार्च २०२५ महाशिवरात्रि से ४ मार्च २०२५ तक

कवर्धा। श्रीबूढ़ामहादेवजी महाराज के दिव्य प्राँगण में अहर्निश चल रहे श्रीसीताराम संकीर्तन महायज्ञ के ३१ वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में श्री बूढ़ामहादेव के दिव्य प्राँगण में २६ मार्च २०२५ महाशिवरात्रि से ४मार्च २०२५ तक प्रतिदिन सायं ४ बजे से हरी इच्छा तक श्रीभक्तमाल कथा का आयोजन किया गया है।माँ कालीशंकर की प्रेरणा से एवं भक्त शिरोमणि श्रीहनुमानजी महाराज के संरक्षण में गोलोकवासी पंडित अर्जुन शर्माजी के द्वारा सन १९९४ में महाशिवरात्रि के दिन श्री सीताराम सकीर्तन महायज्ञ का शुभारंभ किया गया।
कथा के प्रथम दिवस पंडित श्री अभिषेक महाराज जी के द्वारा संगीत के माध्यम से रसमयी श्रीभक्तमाल कथा का श्रवण कराया गया।जिसमें भक्तमाल की महिमा बताते हुये भक्त त्रिलोचनजी,भक्त अलबेलाजी की पावन कथा का वर्णन किया गया।कथा के द्वितीय दिवस श्री हित आशीष कृष्ण जी महाराज के मुखारविंद से भक्तप्रवर पीपाजी महाराज के चरित्र भावपूर्ण वर्णन किया गया।जिसे सुनकर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गये।तीसरे दिन की कथा में पंडित श्री राजेश शास्त्री ने भक्त शिरोमणि शबरी माता की कथा का बखान किया।इस अवसर पर कवर्धा नरेश श्रीमान-योगेश्वर राज-सिंह—-एवं उनके सुपुत्र युवराज श्रीमान-मैकेलेश्वर राज सिंह- —-ने पधार कर श्रीभक्तमाल का पूजनकर व्यासपीठ का आशीर्वाद लिया तथा अपने उद्बोधन में गोलोकवासी पंडित श्री अर्जुन शर्मा के प्रकल्पों का स्मरण किया और सबकी मंगलकामना की।इसी अवसर पर राजनांदगांव के सांसद माननीय श्रीमान संतोष पाण्डेय का आगमन हुआ।उन्होंने श्रीभक्तमाल का पूजन कर व्यासपीठ का आशीर्वाद लेकर कविता के माध्यम से श्री गङ्गाजी की महिमा सुनायी और गोलोकवासी पंडित श्री अर्जुन शर्मा के व्यक्तित्व का उल्लेख किया, साथ ही उन्होंने पंडित जी के द्वारा उद्घृत प्रकल्पों यथा श्री सीताराम संकीर्तन महायज्ञ, राधा माधव गौ सेवा सदन एवम संकरी गंगा व बोल बम के कार्यों को सतत एवम निर्बाध रूप से चलता रहे ऐसे हम सभी महाराज जी के गणो की महती जिम्मेदारी है।श्रीभक्तमाल में भक्तों की कथायें हैं।श्री अग्रदास महाराज जी की आज्ञा से उनके प्रिय शिष्य श्री नाभा दास महाराज ने छप्पय छंद में भक्तमाल ग्रन्थ की रचना की।इस कल्याणकारी ग्रन्थ की टीका श्री प्रियादास महाराज ने लिखी।इस ग्रन्थ में लगभग दो सौ भक्तों की कथायें हैं।श्रीभक्तमाल कथा को सुनने के लिये बड़ी संख्या में श्रद्धालु पधार रहे हैं।