
निखिलेश सोनी प्रतीक की बानगी✍️
रायपुर। कांग्रेस सरकार के प्रति आस्था, विश्वास, उम्मीद और आशाओं से लबरेज लोगों के सत्ता परिवर्तन होते ही धीरे-धीरे हृदय परिवर्तन होने लगे हैं। क्या नेता, क्या भूमाफिया, क्या पत्रकार और क्या लोकसेवक ये सब सत्तासीन कांग्रेस के साथ रच बस गए थे, स्वार्थ सिद्धि और अपने रोजी-रोटी के धंधे में इजाफा भी खूब करते रहे किंतु उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि प्रदेश में कांग्रेस की नाव टाइटैनिक की तरह डूब जायेगी और भाजपा का जहाज लहरों में मदमाते, इठलाते और बलखाते आ जाएगा। जी हां, कांग्रेस सरकार का नेस्तनाबूत होते ही तथा भाजपा की सियासत शुरू होते ही ये लोग धीरे-धीरे अपना हृदय परिवर्तन करने लग गए हैं।
“पानी में रहकर मगरमच्छ से बैर” करना खतरनाक साबित होता है, यही सोच कर अब ये लोग अपना हृदय परिवर्तन कर भाजपा के नेताओं के साथ घुल मिलने लगे हैं, सिर्फ यही नहीं लोक सेवक भी अपना रंग बदलने लगे हैं, खुले तौर पर अब ये लोग कांग्रेस गौरव गाथा और गुणगान का बलिदान कर उगते सूरज को अर्घ्य देने अर्थात सत्तासीन भाजपा की चालीसा पढ़ने से भी नहीं कतरा रहे हैं।
कांग्रेस के छोटे बड़े नेता, मतदाता, पत्रकार, भूमाफिया, रंगबाज साथ ही साथ लोकसेवकों के हृदय परिवर्तन को देख आम नागरिक भी सकते में आ गए हैं, बदलती तस्वीर देखकर अब लोग यही कहने लगे हैं गिरगिट को भी शर्म आने लगी है इन इन दलबदलुओं और हृदय परिवर्तकों को देखकर। “परिवर्तन ही प्रकृति का नियम है!” लेकिन राजनीति में इस कदर परिवर्तन आ जायेगा, किसी ने सोचा तक नहीं था। इन कथित लोगों ने भी कभी नहीं सोचा था लेकिन जो मुकद्दर में लिखा था वही हो गया, अब ये लोग धीरे-धीरे भाजपा की शरण में आने लगे हैं, भाजपा की चाटुकारिता, चापलूसी और चरणवंदना करने में लग गए हैं ताकि उनके जो निज लाभकारी काम है, उनके जो अवैध धंधे है और उनके जो अवैध कृत्य है वह भाजपा के शासनकाल में कहीं बाधित ना हो जाए ऐसे में रंग और रूप बदलना भी राजनीति का दस्तूर है और इस दस्तूर अदायगी में इन गिरगिटियों का क्या कसूर है।