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कवर्धा। हिंदुओं की आराध्य देवी माता दुर्गा के नवरात में होने वाले गरबा के आयोजन से सनातन संस्कृति और महिलाओं की लोक लाज के साथ खिलवाड़ करने के मुद्दे को लेकर आज विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के साथ-साथ शहर के प्रबुद्ध नागरिकों और युवा वर्गोंने हुजूम के साथ शहर की सड़कों पर गरबा बंद करने, गरबा आयोजन कर्ताओं के खिलाफ मुर्दाबाद के नारों के साथ कलेक्टर कार्यालय पहुंचे, जहां सनातन धर्म प्रेमियों ने गरबा आयोजन बंद करने के नारे लगाए तथा कलेक्टर कार्यालय पहुँच अति शीघ्र इस पर रोक लगाने तथा नवरात्रि पर्व में मांस मदिरा दुकाने बंद कराने ज्ञापन सौपा।
ज्ञापन में गरबा संस्कृति को गुजरात का पारम्परिक उत्सव बताते हुए छत्तीसगढ़ की सुवा नृत्य का उल्लेख किया गया है साथ ही गरबा अश्लीलता से ओतप्रोत होता है, अश्लील फ़िल्मी गीतों के साथ महिलाओं के तड़क भड़क और कमतर पोशाक से वातावरण दूषित होता है साथ ही प्रतिष्ठाणों तथा आम लोगों से उगाही करने का कारोबार बना दिया गया है जिस कारण इस पर रोक लगाना न्यायोचित होगा।
बता दे कि विगत कुछ वर्षों पूर्व से हिंदू धर्म रक्षक के युवाओं, विश्व हिंदू परिषद तथा बजरंग दल ने गरबा के आयोजन से उत्पन्न को विसंगतियों और अश्लीलता तथा द्विअर्थी फ़िल्मी गानों में नाचने को लेकर इस पर रोक लगाने का बीड़ा उठाई है, पूर्व के कुछ आयोजन कर्ताओं ने इस पर रोक लगाकर भक्ति संगीत का आयोजन, जगराता तथा भजन संध्या का आयोजन कराने का सराहनीय निर्णय कर लिया है किंतु कुछ आयोजनकर्ता अभी भी इस पर अड़े हुए हैं जो गरबा के आयोजन करना चाहते हैं। गरबा के विरोध में खड़े विभिन्न संगठनों ने मांग की है कि आयोजन कर्ताओं को गरबा के आयोजन के लिए अनुमति नहीं दी जाए और ना ही सरकारी मैदान की अनुमति दी जाए।
इस अवसर पर सनातन संस्कृति के बचाव में उतरे विहिप, बजरंग दल तथा शहर के युवक, युवतियों की उपस्थिति रही जिन्होने एक स्वर में गरबा आयोजन का विरोध किया।