विधायक भावना बोहरा ने कहा यह मामला कई बरस से केंद्र सरकार में पेंडिंग है। पीएम नरेंद्र मोदी को इस संदर्भ में पत्र लिखा जा चुका है जिसमें राज्य की तीन करोड़ जनमानस की भावनाओं के अनुरूप अतिशीघ्र और सकारात्मक फैसले लेने का अनुरोध किया गया है। श्रीमती बोहरा ने स्मरण दिलाया कि डा. रमन सिंह जब प्रदेश के मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने दिनांक 28 नवंबर 2007 को विधानसभा में छत्तीसगढ़ी भाषा को राजभाषा का दर्जा देने के लिए विधेयक पारित कराया था। मुझे पूरा विश्वास है कि विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर भी वे सफलतम प्रयास करेंगे। हम सब उनके उम्दा और जनापेक्षा कार्यों के साथ हैं।
1890 में प्रकाशित हुआ था व्याकरण
छत्तीसगढ़ी का व्याकरण हीरालाल काव्योपाध्याय ने तैयार किया था, जिसका संपादन और अनुवाद प्रसिद्घ भाषाशास्त्री जार्ज ए. ग्रियर्सन ने किया था, जो 1890 में जर्नल ऑफ द एशियाटिक सोसायटी ऑफ बंगाल में प्रकाशित हुआ था। छत्तीसगढ़ का असीम और उच्च स्तरीय साहित्य उपलब्ध है। इसमें निरंतर वृद्घि हो रही है।