धमाका न्यूज 💥कांदावानी समेत वनाचंल में जारी स्वास्थ्य शिविर; बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया के साथ जागरुक भी किया जा रहा

कवर्धा। सुदूर वनाचंल क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा अनवरत स्वास्थ्य शिविर लगाया जा रहा है, इसके साथ ही साथ उचित खान-पान व स्वास्थ्यगत देखभाल के बारे में भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुजॉय मुखर्जी ने बताया कि हाल ही में गत 4 अक्टूबर को कांदावानी ( महराटोला) में शिविर लगाकर 100 से अधिक का जांच किया गया जिसमें 7 बुखार, 4 सर्दी-खासी, 5 वीकनेस, 14 बदनदर्द, 16 चर्म रोग व 2 कान दर्द से पीड़ित मरीज मिले जिनको तत्काल उपचारित कर लिया गया था। उन्होंने बताया कि कांदावानी में 20 से 28 तक लगातार शिविर लगाने की कार्ययोजना बनाई गई है ,आज प्रथम दिवस यहां 25 लोगों का गहन स्वास्थ्य जांच किया गया है। लोगों को अधिक स्वास्थ्य सेवा देने के उद्देश्य से यह शिविर लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बोड़ला, पंडरिया और लोहारा के चिन्हांकित पहुच विहीन ग्रामों के अलावा अन्य वनाचंल में भी स्वास्थ्य शिविर लगाया जा रहा है। लोगों को झाड़फूंक और अंधविश्वास से बचने और बीमारी होने पर तत्काल उपचार के लिए स्वास्थ्य केंद्र आने के लिए समझाया भी जा रहा है। इसके बावजूद वनाचंल के कुछ परिवारों में अभी भी स्थानीय घरेलू उपचार व झाड़फूंक के चक्कर में बीमारी को बढा लिया जा रहा है।
अनावश्यक विरोध प्रदर्शन के बजाए जागरूकता बढ़ाने में करें मदद
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मुखर्जी ने कहा कि स्वास्थ्य के प्रति जनजागरूकता तो बढ़ाया ही जा रहा है , लेकिन अब व्यवहार परिवर्तन संवाद और सामाजिक व्यवहार परिवर्तन जैसे विषयों पर कार्य किया जा रहा है। बहुत सारी रूढ़ियों को दूर करके लोगों को सही जीवनशैली बताया जा रहा है। चूंकि स्वास्थ्य सेवा का विस्तार हुआ है और अब सरलता से हर जगह उपचार उपलब्ध है अतः लोगों को इसका लाभ लेने के विषय में भी समझाया जा रहा है। समय पर उचित उपचार नही कराने से किसी भी बीमारी में बढ़ोतरी होती है और स्थिति आपातकालीन हो जाती है। उन्होंने कुछ लोगों द्वारा अनावश्यक विरोध प्रदर्शन करने की बजाए वनाचंल क्षेत्रो में जाकर आम जनता को जागरूक करने में मदद करने की अपील की है। उन्होंने बताया कि गम्भीर स्थिति में जिला अस्पताल या किसी भी स्वास्थ्य केंद्र में यदि मरीज को लाया जाता है चिकित्सकों द्वारा जान बचाने का भरसक प्रयास किया जाता है, इसमें सफलता भी मिलती है। कभी-कभी मरीज की जान बचा पाना सम्भव नही होता है।
कांदावानी के बैगा आदिवासी महिला जमुना बाई की आज हुई मौत के सम्बंध में जिला अस्पताल में उपचार सेवा दे रहे चिकित्सक डॉ नीरज ने बताया कि महिला का ब्लड प्रेशर काफी हाई था। उसके पेट दर्द के सम्बंध में डॉ ने बताया कि महिला की स्थिति काफी नाजुक थी और कुकदूर में भी दिनांक 17 अक्टूबर से भर्ती करके उसका उपचार जारी था, लेकिन उसे कुकदूर स्वाथ्य केंद्र में भी काफी देर से लाया गया, क्योंकि उसके पैरों में सूजन, और ब्लड प्रेशर लगातार बढा हुआ था, इससे गुर्दे खराब होने की संभावना होती है और मरीज की जान भी जा सकती है। इसके पश्चात 19 अक्टूबर को जिला अस्पताल में आने के बाद उसका तत्काल उपचार जारी था, लेकिन पैरों में सूजन, अचेतन स्थिति होने और गम्भीर होने के कारण महिला की जान चली गई। डॉ नीरज ने लोगों से सही समय पर उपचार करवाने की अपील की है। चिकित्सक ने बताया कि मरीज को रात 1 बजे जिला आपताल लाया गया और 1 बजकर 25 मिनट पर मरीज़ की अति गम्भीर हालत की वजह से मौत हो गई, उन्होंने कहा क्योंकि जाँच में उसका ब्लड प्रेशर ही 205 / 105 था।