कवर्धा

धमाका न्यूज़✍️आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर पंडरिया विधायक श्रीमती भावना बोहरा ने मीसा बंदियों को किया सम्मानित

कवर्धा, 25 जून 2025। आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर आज जिला कार्यालय के सभाकक्ष में मीसा बंदियों का गरिमामय सम्मान समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम में पंडरिया विधायक श्रीमती भावना बोहरा ने लोकतंत्र सेनानियों (मीसा बंदियों) एवं उनके परिजनों को शॉल और श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया तथा उनके अदम्य साहस और संघर्ष को नमन किया। कार्यक्रम का शुभारंभ पंडरिया विधायक श्रीमती भावना बोहरा, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती ईश्वरी साहू एवं नगरपालिका अध्यक्ष श्री चन्द्रप्रकाश चंद्रवंशी सहित अन्य जनप्रतिनिधियों द्वारा भारत माता, छत्तीसगढ़ महतारी के तैल्य चित्र पर दीप प्रज्वलन कर किया गया। इस अवसर पर आपातकाल के विरोध में संघर्ष करने वाले लोकतंत्र रक्षकों की स्मृति को जीवित रखने एवं नई पीढ़ी को उनके योगदान से परिचित कराने की भावना से कार्यक्रम का आयोजन किया गया। समारोह में संविधान हत्या दिवस के रूप में आपातकाल की घटनाओं पर आधारित फोटो प्रदर्शनी और फिल्म प्रदर्शन भी किया गया। इसके साथ ही आपातकाल के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा पर केंद्रित परिचर्चा का आयोजन भी हुआ। कार्यक्रम ने लोकतंत्र की रक्षा के लिए दी गई कुर्बानियों को याद करते हुए एक प्रेरणादायक संदेश दिया।

मीसा बंदियों का किया सम्मान

पंडरिया की विधायक श्रीमती भावना बोहरा ने लोकतंत्र रक्षक मीसा बंदियों का सम्मान कर उनके संघर्ष और साहस को प्रणाम किया। इस अवसर पर श्रीमती बोहरा ने मीसा बंदी हरीश लुनिया,  विजय यादव एवं स्वर्गीय रमेश सोनी की धर्मपत्नी श्रीमती कुमारी बाई सोनी को शॉल एवं श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर मीसा बंदियों ने अपने अनुभव साझा किया।

आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर छायाचित्र प्रदर्शनी का आयोजन

आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर संविधान हत्या दिवस के तहत छाया चित्र प्रदर्शनी का आयोजन आज जिला कार्यालय परिसर में छायाचित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की मुख्यअतिथि पंडरिया विधायक श्रीमती भावना बोहरा, जिला पंचायत अध्यक्ष कलेक्टर  गोपाल वर्मा सहित जनप्रतिनिधियों ने अवलोकन कर आपातकाल के दौरान हुए घटनाओं से अवगत हुए। इस अवसर पर आयोजित छायाचित्र प्रदर्शनी में आपातकाल कालखंड के महत्वपूर्ण घटनाक्रमों, जनआंदोलनों, सेंसरशिप, और लोकतंत्र की रक्षा के लिए किए गए संघर्षों को दर्शाया गया।

Nikhil Soni

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