कबीरधाम विशेषखास खबर

धमाका न्यूज़💥हड़ताली संविदा कर्मचारियों के मंच से; “कांग्रेस के झूठे चुनावी घोषणा पत्र का दंश झेल रहे संविदा कर्मचारी” :वीरेन्द्र साहू

हड़ताली संविदा कर्मचारियों के मंच में जाकर मांगों को दिया समर्थन, सरकार से वादा पूरा करने की मांग

कवर्धा। अपनी एक सूत्रीय नियमितीकरण की मांग को लेकर गत तीन जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे जिलेभर के संविदा कर्मचारियों व अधिकारियों की मांगों को जायज ठहराते हुए जनपद पंचायत कवर्धा के उपाध्यक्ष वीरेन्द्र साहू ने उन्हें अपना समर्थन दिया है। श्री साहू ने गुरूवार को बकायदा हड़ताली संविदा कर्मचारियों व अधिकारियों के मंच में उपस्थित होकर उनके साथ कंधा से कंधा मिलाकर उनके हक की आवाज बुलंद की और उनकी इस लड़ाई में पूरा साथ देने का भरोषा दिया। इस अवसर पर श्री साहू ने उपस्थित संविदा कर्मचारी-अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि वास्तव में संविदा कर्मी सरकार से स्वयं कोई मांग नहीं कर रहे हैं बल्कि वे कांग्रेस द्वारा अपने चुनावी घोषणा पत्र में संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए की गई घोषणा को पूरा करने के लिए कह रहे हैं। उन्होने कहा कि कांग्रेस ने वर्ष 2018 में जारी किए गए अपने चुनावी घोषणा पत्र में प्रदेश के गांव, गरीब, किसान, संविदा कर्मचारियों, शिक्षित बेरोजगारों सहित सभी वर्ग और समुदाय के लोगों से कुछ इसी तरह के लोक लुभावन वायदे किए थे और झूठे चुनावी घोषणा पत्र के पुलंदे को दिखाकर प्रदेश की सत्ता हथिया ली थी। लेकिन आज इस सरकार को सत्ता सुख भोगते करीब साढ़े चार साल बीत चुके हैं पर न तो सरकार ने संविदा कर्मचारियों से किया गया वायदा पूरा किया और न ही गांव, गरीब व किसानो और शिक्षित बेरोजगारों से किया गया वायदा निभाया। यही वजह है कि आज चारों तरफ असंतोष दिखाई दे रहा है और लोग अपने हक की लड़ाई लडऩे सड़कों पर उतर रहे हैं। उन्होने कहा कि संविदा कर्मचारियों से पूर्व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, सहायक शिक्षक,पंचायत सचिव, मनरेगा कर्मचारी, पटवारी सहित अन्य शासकीय कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल कर चुके हैं। उन्होने कहा कि आज प्रदेश सरकार की वदाखिलाफी का दंश सिर्फ संविदा कर्मचारी भर नहीं भुगत रहे हैं बल्कि पूरे प्रदेश की जनता इसका खामियाजा भुगत रही है। जनपद पंचायत कवर्धा के उपाध्यक्ष वीरेन्द्र साहू ने कहा कि संविदा कर्मचारी हर शासकीय विभाग की रीड़ की हड्डी है। सीधे आम लोगों से जुड़े हुए स्वास्थ्य विभाग में तो आधे से ज्यादा कर्मचारी संविदा पर कार्यरत हैं। ऐसे में समझा जा सकता है कि जब इन सविंदा कर्मचारियों को अपने हक और अधिकार के लिए सड़क पर उतरना पड़ जाए तो आम लोगों को इसका किस-किस रूप में खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। लेकिन दुर्भाग्य का विषय है कि प्रदेश गैरजिम्मेदार तथा बेवरवाह कांग्रेस सरकार को इससे कोई फर्क पड़ते नहीं दिखाई दे रहा है और आज संविदा कर्मचारियों की तीन दिन की हड़ताल के बाद भी सरकार ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया है। उन्होने प्रदेश सरकार से मांग की है कि वह जल्द से जल्द अपने चुनावी घोषणा पत्र के अनुरूप संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण कर उनकी अनिश्चितकालीन हड़ताल समाप्त कराए।

*जिले के करीब 1500 सौ संविदा कर्मी हड़ताल पर*

श्री साहू ने बताया कि प्रदेश सरकार की वादा खिलाफ के चलते आज सीधे आम जनता से सरोकार रखने वाले जिले के स्वास्थ्य विभाग, पंचायत विभाग, राजस्व विभाग, शिक्षा विभाग, आदिमजाति कल्याण विभाग, कृषि विभाग सहित तमाम सरकारी विभागों में कार्यरत करीब 1500 सौ और प्रदेश के करीब 50 हजार संविदा कर्मचारी व अधिकारी अपनी एक सूत्रीय नियमितीकरण की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। ऐसे में समझा जा सकता है कि इस हड़ताल का लोगों को मिलने वाली प्रशासनिक सेवाओं पर क्या और कितना असर पड़ रहा होगा। लेकिन सरकार हांथ पर हांथ धरे बैठी है।

Nikhil Soni

Related Articles

Back to top button