
सरकार की नियत साफ नहीं थी इसी लिए पूरी नहीं की गंगा जल की कसम
कवर्धा। प्रदेश की सत्ता हथियाने की मंशा से हांथ में गंगा जल रखकर शराब बंदी करने की कसम खाने वाली कांग्रेस सरकार ने सत्ता पाने के साढ़े चार साल बाद भी जनभावनाओं के अनुरूप शराब बंदी क्यों नहीं की अब यह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा बीते रविवार को की गई एक बड़ी कार्यवाही से स्पष्ट हो गया है। दरअसल प्रदेश की कांग्रेस सरकार शराब बिक्री से प्रदेश का राजकोष नहीं बल्कि अवैध ढंग से शराब की बिक्री कराकर अपनी तिजोरी भरना चाह रही थी। ईडी ने खुलासा किया है कि प्रदेश में देश का अब तक का सबसे बड़ा 2000 करोड़ का शराब घोटाला किया गया है।
जिसमें प्रदेश की सत्ता के शीर्ष पदों में बैठे कई चेहरों के साथ अधिकारी भी शामिल हैं। उक्त बातें जिला भाजपा के महामंत्री एवं कवर्धा जनपद पंचायत के उपाध्यक्ष वीरेन्द्र साहू ने जारी बयान में कहीं। श्री साहू ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर अवैध शराब घोटाले को लेकर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश सरकार की नियत शुरू से साफ नहीं रही है अगर नियत साफ होती तो सरकार अपने चुनावी वायदे के अनुरूप सत्ता में आने के साथ ही शराब बंदी कर देती लेकिन उसकी मंशा अवैध शराब के जरिए अपनी तिजोरी भरना था। जिसके लिए सरकार ने सुनियोजित ढंग से अपने चहेतों के साथ मिलकर अवैध शराब का करोबार किया और प्रदेश के गांव-गांव में अवैध शराब का दरिया बहा दिया। श्री साहू ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार के इस कृत्य के चलते आज पूरा प्रदेश शराब के नशे में डूब चुका है। शराब के चलते सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है, कई परिवार उजड़ चुके हैं, बिखर चुके हैं, बच्चों के सिर से पिता का साया तो महिलाओं का सिंदूर हट चुका है। लेकिन दुर्भाग्य का विषय है कि इतने सब के बाद भी प्रदेश की कांग्रेस सरकार के माथे पर पर कोई सिकन नहीं है और उसे अपनी करनी पर कोई पछतावा नहीं है। भाजपा जिला महामंत्री वीरेन्द्र साहू ने ईडी के हवाले से बताया कि ईडी का आरोप है कि छत्तीसगढ़ में बेची गई शराब की हर बोतल पर अवैध रूप से धन एकत्रित किया गया है और रायपुर महापौर एजाज ढेबर के बड़े भाई अनवर ढेबर की अगुवाई वाले शराब सिंडिकेट द्वारा दो हजार करोड़ रुपए के अभूतपूर्व भ्रष्टाचार और अवैध जनअर्जित किया गया है। जिनके विरूद्ध धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत कार्यवाही करते हुए उन्हें गिरफ्तार किया गया है। श्री साहू ने प्रदेश सरकार के मुखिया को निशाने पर लेते हुए कहा कि प्रदेश में इतना बड़ा शराब खोटाला हो गया और प्रदेश के मुख्यमंत्री कहते हैं कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है, यह सोचने और समझने वाली बात है कि मुख्यमंत्री की नाक के नीचे उनकी बगैर जानकारी अथवा मूक सहमति के इतना बड़ा घोटाला कैसे हो सकता है? जबकि ईडी ने यह भी आरोप लगाया है कि अनवर ढेबर इस पूरे अवैध धन संग्रह के लिए जिम्मेदार थे, लेकिन वह इस घोटाले के अंतिम लाभार्थी नहीं हैं, जांच में यह बात सामने आई है कि एकत्रित राशि का कुछ हिस्सा वे अपने पास रखकर शेष राशि अपने राजनीतिक आकाओं को दे दिया करते थे। ऐसे में अब ये राजनीतिक आका कौन है यह समझना मुस्किल नहीं है। श्री साहू ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से इस पूरे शराब घोटाले की जिम्मेदारी लेते हुए नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देने की मांग की है।
पिपरिया में भाजपा ने फूंका सीएम व आबकारी मंत्री का पुतला
ईडी द्वारा बीते रविवार को प्रदेश सरकार के दो हजार करोड़ के शराब घोटाले को उजागर करने के बाद भाजपा मण्डल पिपरिया तथा भाजयुमो के कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों ने बुधवार को पिपरिया में जिला भाजपा महामंत्री वीरेन्द्र साहू के नेतृत्व में प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तथा आबकारी मंत्री कवासी लखमा का पुतला दहन किया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। पुतला दहन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वीरेन्द्र साहू ने प्रदेश के मुख्यमंत्री तथा आबकारी मंत्री से इस्तीफे की मांग की। इस अवसर पर मुख्य रूप से मंडल अध्यक्ष शिवकुमार चंद्रवंशी, लोकेश साहू नेता प्रतिपक्ष, भाजयुमो मंडल अध्यक्ष अश्वन साहू,मंडल उपाध्यक्ष दिनेश चंद्रवंशी, मंडल मंत्री मुनिराम, भाजयुमो जिला मंत्री नीतीश चंद्रवंशी,पार्षद गणेश चंद्रवंशी, मेहतरु कश्यप, भाजयुमो प्रदेश कार्य सदस्य अशोक चंद्रवंशी, ईश्वरी ध्रुवे,ललित चंद्रवंशी महामंत्री, रामशरण साहू, रामानुज पाली, नीरज चंद्रवंशी, उज्ज्वल दुबे, उरेन्द्र साहू, ललित चंद्रवंशी,यशवंत चंद्रवंशी, सुरेंद्र जायसवाल, राम, संदीप, सोनू, शिव, राजेन्द्र, दादूराम, जगमोहन, रूपेश चंद्रवंशी, अनुज, द्वारिका, बीरबल, भरत सहित मंडल के कार्यकर्ता उपस्थित थे।
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